सरकार ने जीएसटी स्लैब में बड़े सुधार की घोषणा की है जो 22 सितंबर 2025 से लागू हो जाएंगे. इन टैक्स सुधारों से रोजमर्रा के इस्तेमाल के कई सामानों की कीमतों में करीब 10-15% तक कमी आने वाली है. बिस्कुट, साबुन, नूडल्स, कॉफी, मक्खन जैसे जरूरी घर के सामान अब पहले से ज्यादा सस्ते मिलेंगे. यह बदलाव खासकर उन लोगों के लिए राहत की खबर है जो महंगाई के कारण खर्च में कटौती कर रहे थे.
रोजाना के सामान पर बड़ा असर
जीएसटी की नई दरों में मक्खन, पनीर, मिठाइयाँ और नमकीन स्नैक्स जैसी चीजों पर टैक्स 12% से घटाकर सिर्फ 5% कर दिया गया है. वहीं, चॉकलेट, बिस्कुट, कॉर्नफ्लेक्स, कॉफी, आइसक्रीम, बोतलबंद पानी, हेयर ऑयल, शैम्पू, साबुन, शेविंग क्रीम और टूथपेस्ट पर टैक्स 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है. इसका मतलब यह हुआ कि अब ये सभी चीजें सस्ती होंगी और घर में इस्तेमाल होने वाली चीजों की खरीदारी पर भी असर दिखेगा. हालांकि शुगरी ड्रिंक्स पर टैक्स बढ़ा कर 28% से 40% कर दिया गया है. लेकिन ये बदलाव ज्यादातर घर के जरूरी सामानों के दाम कम करने वाले हैं।
FMCG कंपनियों को मिलेगा फायदा
इस बदलाव से बड़ी FMCG कंपनियों जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर, ब्रिटानिया, डाबर, मैरिको, आईटीसी और नेस्ले को फायदा होने की उम्मीद है. इन कंपनियों के उत्पादों की मांग बढ़ने की संभावना है क्योंकि अब कीमतें कम होने से लोग ज्यादा खरीदारी करेंगे. इससे बाजार में प्रतियोगिता भी बढ़ेगी.
व्यापार और सप्लाई चेन पर भी होगा असर
माना जा रहा है कि ये सुधार व्यापार पर दबाव कम करेंगे और सप्लाई चेन को मजबूत बनाएंगे. इससे छोटे विक्रेता और वितरक भी बेहतर तरीके से काम कर पाएंग. साथ ही दुकानदारों को अब सामान की उपलब्धता और कीमतों को लेकर ज्यादा परेशानी नहीं होगी.
आम आदमी को मिलेगी महंगाई से राहत
पिछले कुछ समय से बढ़ती महंगाई की वजह से लोगों के ऊपर बोझ बढ़ गया था. खासकर FMCG सेक्टर में सुस्ती देखने को मिल रही थी क्योंकि उपभोक्ता खर्च कम करने लगे थे. अब जीएसटी में कटौती से ये सामान सस्ते होंगे और लोगों की खरीदारी में सुधार आएगा. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव न सिर्फ उपभोक्ताओं के लिए फायदे का सौदा है, बल्कि बाजार में भी नई ऊर्जा लाने वाला साबित होगा. छोटे और बड़े दोनों तरह के व्यवसायों को इससे फायदा होगा और आर्थिक गतिविधि में सुधार आएगा.









